Monday 16 October 2017

ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव बच्चों पर

बच्चों में अच्छे संस्कार डालने के लिए घर के माहौल का अच्छा होना बहुत जरूरी है। अच्छे घर में सभी ग्रहों को बल मिलता है। घर में नियमित पूजा-अर्चना, बातचीत, हँसी-मजाक जरूर करें एवं रोज़ करें। कलह नहीं होनी चाहिए घर में इसलिए कलह से बचें।
----मंगल
---------यदि मंगल नीच का है, पाप प्रभाव में है, बृहस्पति कमजोर है तो बच्चा उत्पाती, क्रोधी भी हो सकता है, तोड़फोड़ करेगा, चोरी की भी आदत हो सकती है (अगर मंगल लग्न या द्वितीय भाव को प्रभावित करें)। ऐसे बच्चों की अच्छी बाते करें, अच्छे संस्कार दें, मंगल से सम्बन्धित चीजो़ं का दान कराएं बच्चे से।
-----राहु/केतु
-----का लग्न पर प्रभाव झूठ बोलने, अपना स्वार्थ सिद्ध करने की आदत देता है। चंद्र, गुरू कमजोर होने पर यह राहु गलत संगति, एवं अपराधों में भी फँसा सकता है। ऐसे बच्चों को अकेलेपन से दूर रखें सामाजिक होना, व खुलकर हँसना बोलना सिखाएँ। खर्च पर नियंत्रण करें। सरस्वती आराधना जरूर कराएँ।
-----शनि
--------शनि का प्रभाव हीन मानसिकता, गालीगलौज, लड़ाई-झगड़ा, नशे को दिखाता है। मंगल के प्रभाव में आया शनि (लग्न में) अपराधी, परपीड़क तक बना सकता है। नियम तोड़ने व रिस्क लेने में रुचि हो जाती है। ऐसे बच्चों को हनुमान जी व शिव की आराधना जरूर कराएँ। इन पर नजर रखें। इनके मित्रों पर भी नज़र रखें। अति विश्वास न करें।
------शुक्र
------शुक्र की खराब स्थिति बच्चों को शराब, सिगरेट का शौकीन बनाती है। कामुकता भी इससे आती है। ये बच्चे विपरीत लिंग में अधिक रुचि लेते हैं। इन बच्चों की परवरिश बड़ी चतुराई से करना चा‍हिए। इन्हें अच्छे टीचर के पास भेजें, अच्छी पुस्तकें पढ़ने को दें। फालतू वक्त न बिताने दें। मित्रों पर भी नजर रखें। टीवी, कम्प्यूटर के साथ ज्यादा समय न बिताने दें।
------ ध्यान रहे कि यह कोई फलादेश नही अपितु एक जानकारी मात्र है, कुन्डली मे बैठे अन्य ग्रहों का प्रभाव भी इसमें भूमिका निभाता है। अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे में ऐसी कोई आदत है तो पूरी जानकारी के लिए कुन्डली का किसी योग्य ज्योतिषी से विवेचना करवा लेना श्रेयस्कर है

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