Tuesday 24 October 2017

#ग्रहो_के_नक्षत्रो_में_बैठने_पर_फल|



ग्रह अपने स्वभाव/भाव स्वामित्व और राशि नक्षत्रो में बैठने के अनुसार अपना फल देते है।आज इसी बात पर बात करते है, ग्रह नक्षत्रो में बैठने पर किस तरह अपना प्रभाव दिखाता है।ज्योतिष में कुल 9 ग्रह 27 नक्षत्र होते है 12राशियाँ होती है।हर एक ग्रह 3 नक्षत्रो का स्वामी होता है।सामान्य रूप से ज्यादातर ग्रहो के राशियों में बैठने पर विचार किया जाता है लेकिन जो ग्रह जिस नक्षत्र में बैठा होता है उस नक्षत्र और उस नक्षत्र के स्वामी ग्रह का पूर्ण प्रभाव लेकर ऐसा ग्रह फल देता है।यदि ग्रह अपनी नीच,शत्रु राशि में बैठने पर कमजोर हो जाता है लेकिन यदि यही नीच, शत्रु राशि में बैठा ग्रह अपने मित्र के नक्षत्र में हो, अपने उच्च राशि के अधिपति के नक्षत्र में हो तब वह शुभ प्रभाव और ज्यादा से ज्यादा फल देने की स्थिति में आ जाता है तब यदि कुंडली के अनुसार ग्रह शुभ स्थिति में हो।जो ग्रह जिस नक्षत्र में होता है उस नक्षत्र के स्वामी की कुंडली में क्या और कैसी स्थिति है, वह ग्रह कोनसे फलो से सम्बंधित विषयो का कारक है कुंडली में कोनसे भाव का स्वामी है आदि से सम्बन्ध फल नक्षत्र में बैठा ग्रह नक्षत्र के स्वामी के हर तरह से पूर्ण प्रभाव को लेकर फल देगा।मेष लग्न की कुंडली में गुरु भाग्य का स्वामी होता है तो सूर्य बुद्धि, ज्ञान, संतान आदि भाव से सम्बंधित फल का स्वामी होता है।यदि अब सूर्य गुरु के नक्षत्र में बैठा हो और सूर्य का गुरु या भाग्य(नवें)भाव से कोई युति दृष्टि या गुरु से युति दृष्टि सम्बन्ध न भी हो तब भी सूर्य भाग्य को विशेष रूप से प्रभावित करेगा और गुरु ज्ञान, सम्मान, सुख आदि शुभ फलो का कारक है तो गुरु के और अपने से सम्बंधित कारक भाव सम्बंधित फल सूर्य करेगा।इसी तरह अन्य ग्रहो के नक्षत्र में बैठने की स्थिति को कुंडली और ग्रहो के कारक सम्बंधित फल को समझना चाहिए।यदि कोई ग्रह अपने शत्रु के नक्षत्र, नीच राशि के स्वामी के नक्षत्र या कुंडली के अनुसार अशुभ फल देने वाले, अशुभ योग से सम्बंधित ग्रहो के नक्षत्र में होगा तो उसके फल नीच अशुभ योग बनाने वाले ग्रहो,की अशुभ स्थिति के अनुसार अशुभ भी होंगे यदि शुभ योग और प्रभाव है तो फल शुभ होंगे।कोई ग्रह अशुभ नक्षत्र में है तो उस नक्षत्र और उस नक्षत्र से सम्बंधित ग्रहो के मन्त्र जप, पूजा पाठ करके उस नक्षत्र की अशुभता कम की जा सकती है।

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