Saturday 14 October 2017

धनतेरस पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और मंत्र

धनतेरस हिन्दुधर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। धनतेरस कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी यानि की कृष्णा पक्ष के तेरहवां दिन को मनाया जाता है। यह पर्व दिवाली के दो पहले ही मनाया जाता है। धनतेरस से ही दिवाली की शुरुआत हो जाती है।
इस साल 2017 में धनतेरस का पर्व 17 october दिन मंगलवार को मनाया जाएगा।
लक्ष्मी-कुबेर पूजा मुहूर्त :- शाम 07:19 से लेकर रात को 08:17 तक पूजा कर सकते है।
प्रदोष काल मुहूर्त: शाम 05:45 से लेकर रात्रि 08:17 तक है।
धनतेरस का मतलब
धन का मतलब पैसा और दौलत होता है और तेरस का मतलब कार्तिक के कृष्णा पक्ष का तेरहवां दिन होता है इसलिए इसको धनतेरस कहा जाता है।
सनातन धर्म में धनतेरस को एक सुख-समृद्धि, यश और वैभव के त्योहार के रूप में मानते है। इस दिन हमसभी धन के देवता कहे जाने वाले भगवान् कुबेर और आयुर्वेद पद्धति को जन्म देने वाले भगवान् धन्वंतरि की पूजा करते है जिसका बहुत बड़ा महत्त्व है।
सनातन पंचांग में बताया गया है की कार्तिक महीने की त्रयोदशी तिथि को यह पर्व मनाया जायेगा। स्कन्द पुराण में इस महापर्व के बारे में उल्लेख किया गया है कि इसी दिन देवताओं के वैद्य भगवान् धन्वंतरि अमृत कलश के साथ सागर मंथन से प्रकट हुए थे, जिस कारण इस दिन धनतेरस के साथ-साथ धन्वंतरि जयंती भी मनाई जाती है। धनतेरस पूजा को धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है।
सनातन ग्रंथो के अनुसार कहा जाता है कि इसी दिन यमराज से राजा हिम के पुत्र की रक्षा उसकी पत्नी ने किया था, जिस कारण दीपावली से दो दिन पहले मनाए जाने वाले का महा पर्व धनतेरस पर सायंकाल को यम देव के निमित्त दीपदान किया जाता है। इस दिन को यमदीप दान भी कहा जाता है। ऐसा मना गया है कि ऐसा करने से यमराज के कोप से सुरक्षा मिलती है और पूरा परिवार स्वस्थ और सुखी रहता है। इस दिन घरों को साफ-सफाई, लीप-पोत कर स्वच्छ और पवित्र बनाया जाता है और फिर शाम के समय रंगोली बना दीपक जलाकर धन और वैभव की देवी मां लक्ष्मी का आवाहन किया जाता है।
🙏 जय माता दी 🙏

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