Friday 13 October 2017

भाग्य आखिर है क्या ?

आज दुनिया में अधिकांश लोग भाग्यवान होने का अर्थ अमीर होना, धनवान होना ही समझते हैं और जिसके पास धन नहीं है वह स्वयं को भाग्यहीन कहकर दिन-रात शोक मनाता है, मगर क्या हमने कभी सोचा कि भाग्य आखिर है क्या ?? चलिए फिर कभी बात करेंगे इस पर ।
:-----आज के दिन ज्योतिष में रोजगार और धन----:
-------कुण्डली का चतुर्थ भाव पैतृक सम्पत्ति से आय का योग बनता है, कुण्डली का पंचम भाव अचानक धन लाभ दिलाने वाला है। इस भाव के ग्रहों की स्थिति उच्च होने से लाटरी से धन मिलने की संभावना प्रबल रहती है। सप्तम भाव से गठबंधन और व्यापार में साझेदारी की स्थिति का भी ज्ञान होता है।
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:----रोजगार और आय के साधन----:
------अष्टम भाव यूं तो मारक स्थान के रूप में विशेष रूप से जाना जाता है परंतु इस भाव से आय की स्थिति का भी ज्ञान होता है। आकस्मिक लाभ, सट्टेबाजी से लाभ, किसी स्त्री से लाभ के संदर्भ में यह भाव संकेत देता है।
------ नवम भाव भाग्य स्थान होता है जिससे भाग्य फल की जानकारी मिलती है। दशम भाव को कर्म का घर कहा गया है यह रोजगार एव व्यवसायिक स्थिति के विषय में बताता है। इस भाव से ही यह संकेत मिलता है कि आपको सरकारी पक्ष से लाभ मिलेगा या नही।
------द्वादश भाव व्यय यानी खर्चे का घर होता है, इस भाव से यह ज्ञान होता है कि आय के साथ व्यय का तालमेल कैसा है। क्योकि जीवन में सबसे महत्वपूर्ण यह ही है।

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