Friday 13 October 2017

मेष लग्न में निर्धनता योग और उसके निवारणार्थ उपाय

1. मेष लग्न में दशम भाव का स्वामी शनि यदि छठे, आठवें या बाहरवें स्थान में हो तो जातक को परिश्रम का पूरा लाभ नहीं मिलता, जन्म स्थान में नहीं कमा पाता तथा धन की सदैव कमी बनी रहती है l

उपाय :
  • काले वस्त्र में 7 मुट्ठी काले तिल शनिवार के दिन बांधकर शनिदेव के मंदिर में चढ़ाएं l
2. मेष लग्न में लग्नेश मंगल यदि छठे, आठवें या बाहरवें स्थान में हो एवं सूर्य तुला राशी का सातवें स्थान में हो तो व्यक्ति धन के मामले में अत्यंत कमजोर होता है l
उपाय :
  • 10 मंगलवार लगातार हनुमान जी को चमेली के तेल में सिन्दूर मिलाकर चोला चढ़ावें l ·
  • “सिद्ध हनुमान यन्त्र” गले में धारण करें l ·
  • ताम्बे का छेद वाला पैसा रविवार के दिन जल(नदी) में प्रवाहित करें l
  • 3. धन स्थान में यदि पाप ग्रह हो तथा लाभेश शनि छठे, आठवें या बाहरवें स्थान में हो तो व्यक्ति दरिद्र होता है l
उपाय : ·
  • 8 शनिवार तक उड़द की दाल का पापड़ अवश्य खाएं l ·
  • सूर्यास्त के बाद सरसों के तेल का दीपक शनि मंदिर या पीपल वृक्ष की जड़ के आस पास जरूर जलाया करें l
  • “सिद्ध शनि यमाग्रज यन्त्र” गले में धारण करें l
4. मेष लग्न में केंद्र स्थानों को छोड़कर चंद्रमा बृहस्पति से छठे, आठवें या बाहरवें स्थान पर हो तो “शकट योग” का निर्माण होता है, जिसके कारन जातक को सदैव धन का अभाव बना रहता है और व्यवसाय में हानि का सामना करना पड़ता है l
उपाए :
  • शीशे के बर्तन में पानी या दूध न पियें l
  • चावल और चांदी सोमवार को माँ से दान लेकर जीवन भर संभाल कर रखें l
  • “सिद्ध बृहस्पति यन्त्र” गले में धारण करें l
5. मेष लग्न में लग्नेश मंगल अस्त हो, नीच राशिगत कर्क में हो तथा धन स्थान या अष्टम स्थान में कोई पाप ग्रह हो तो जातक सदैव ऋणग्रस्त रहता है l क़र्ज़ उसके सर से उतरता नहीं l
उपाय :
  • मिट्टी के घड़े में गुड़ भरकर, मंगलवार के दिन किसी वीरान स्थान में दबाएँ l
  • 5 मंगलवार लगातार, 5 छुहारे गंगाजल में उबालकर बहती नदी या नहर में प्रवाहित करें l
  • “सिद्ध मंगल यन्त्र” गले में धारण करें l
6. मेष लग्न में लाभेश शनि यदि छठे, आठवें या बाहरवें स्थान में हो और धनेश अस्तगत हो या पाप ग्रह से पीड़ित हो तो जातक महादरिद्र होता है l
उपाय :
  • किसी भी प्रकार का नशा भूल कर भी न करें l
  • कौओं को नित्य कुछ मीठा डालें l
  • शनिवार के दिन काले कुत्ते को मीठी रोटी डालें l
7. मेष लग्न में अष्टमेश मंगल वक्री होकर कहीं भी बैठा हो या अष्टम स्थान में कोई भी ग्रह वक्री होकर बैठा हो तो अकस्मात् धनहानि का योग बनता है, अर्थात ऐसा जातक धन के मामले में परिस्थिति वश अचानक भारी नुक्सान उठा सकता है, अतः सावधान रहें और निम्नलिखित उपाय इसके बचाव हेतु पहले ही कर लें l
उपाय :
  • दही की लस्सी गुड़ डाल कर मंगलवार को पिया करें l
  • चांदी की ठोस गोली अपने साथ हमेशा रखा करें l
  • “सिद्ध महालक्ष्मी यन्त्र” अपने पूजा स्थल में स्थापित करके नित्य धुप दीप दिखाया करें l
8. मेष लग्न में अष्टमेश मंगल शत्रुक्षेत्री, नीच राशिगत या अस्त हो तो अचानक धन की हानि होती है l इससे बचने हेतु पहले ही से निम्न उपाय कर लें l
उपाय :
  • बांसुरी में शक्कर भरकर, मंगलवार के दिन वीराने स्था
  • न पर दबाएँ l
  • लाल रंग का रुमाल सदैव अपने पास रखें l

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