Monday 16 October 2017

लग्न के अनुसार धन योग


--------मिथुन में शुक्र, मीन में बुध तथा गुरु केन्द्र में हो तो अचानक धन लाभ मिलता है। इसी प्रकार यदि शनि और बुध दोनों दूसरे भाव में मिथुन राशि में हों तो भी धन संपदा प्राप्त होती है।
मिथुन------
------नवम भाव में बुध और शनि की युति अच्छा धन योग बनाती है। यदि चंद्रमा उच्च का हो तो पैतृक संपत्ति से भी धन लाभ प्राप्त होता है।
कर्क-----
-------यदि कुण्डली में शुक्र दूसरे और बारहवें भाव में हो तो जातक धनवान बनता है। अगर गुरू शत्रु भाव में स्थित हो और केतु के साथ युति में हो तो भी जातक धन और ऎश्वर्य प्राप्त करता है।
सिंह लग्न-----
--------शुक्र चंद्रमा के साथ नवांश कुण्डली में बली अवस्था में हो तो व्यक्ति व्यापार एवं व्यवसाय द्वारा खूब धन कमाता है। यदि शुक्र बली होकर मंगल के साथ चौथे भाव में स्थित हो तो जातक को धन लाभ का सुख प्राप्त होता है।
कन्या-----
-------शुक्र और केतु दूसरे भाव में हों तो अचानक धन लाभ के योग बनते हैं। यदि कुण्डली में चंद्रमा कर्म भाव में हो तथा बुध लग्न में हो व शुक्र दूसरे भाव स्थित हो तो जातक अच्छी संपत्ति संपन्न बनता है।
तुला-----
-------कुण्डली में दूसरे भाव में शुक्र और केतु हों तो जातक को खूब धन संपत्ति प्राप्त होती है। अगर मंगल, शुक्र, शनि और राहु बारहवें भाव में होंतो व्यक्ति को धन मिलता है।
वृश्चिक-----
-----कुण्डली में बुध और गुरू पांचवें भाव में स्थित हो तथा चंद्रमा एकादश भाव में हो तो व्यक्ति करोड़पति बनता है। यदि चंद्रमा, गुरू और केतु दसवें स्थान में होंतो जातक धनवान व भाग्यवान बनता है।
धनु-----
------कुण्डली में चंद्रमा आठवें भाव में स्थित हो और सूर्य, शुक्र तथा शनि कर्क राशि में स्थित हों तो जातक को बहुत सारी संपत्ति प्राप्त होती है। यदि गुरू बुध लग्न मेष हों तथा सूर्य व शुक्र दुसरे भाव में तथा मंगल और राहु छठे भाव मे हों तो अच्छा धन लाभ प्राप्त होता है।
मकर------
-----जातक की कुण्डली में चंद्रमा और मंगल एक साथ केन्द्र के भावों में हो या त्रिकोण भाव में स्थित हों तो जातक धनी बनता है। धनेश तुला राशि में और मंगल उच्च का स्थित हो व्यक्ति करोड़पति बनता है।
कुंभ----
-------कर्म भाव अर्थात दसवें भाव में चंद्र और शनि की युति व्यक्ति को धनवान बनाती है। यदि शनि लग्न में हो और मंगल छठे भाव में हो तो जातक ऎश्वर्य से युक्त होता है।
मीन-----
------कुण्डली के दूसरे भाव में चंद्रमा और पांचवें भाव में मंगल हो तो अच्छे धन लाभ का योग होता है। यदि गुरु छठे भाव में शुक्र आठवें भाव में शनि बारहवें भाव और चंद्रमा एकादशेश हो तो जातक कुबेर के समान धन पाता है।
-------- ध्यान रहे कि यह कोई फलादेश नही अपितु एक जानकारी मात्र है, सटीक जानकारी के लिए कुन्डली का किसी योग्य ज्योतिषी से विवेचना करवा लेना श्रेयस्कर है।

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