Thursday 16 November 2017

कुंडली में मंगल दोष लाता है वैवाहिक जीवन में दिक्कतें

कुंडली में मंगल दोष लाता है वैवाहिक जीवन में दिक्कतें:
 
मंगल और शनि दो ऐसे ग्रह है जिसके बारे में सुन लोग थर थर कांपने लगते है। एक शनि की कुदृष्टि और एक मंगल दोष दोनो ही मानव जीवन के लिए हानिकारक होते हैं।
 
कुंडली में मांगलिक दोष है यह जानकर ही लोग घबरा जाते हैं क्योंकि इसका प्रभाव वैवाहिक जीवन के लिए अत्यंत घातक होता है। लेकिन यह बात विशेष ध्यान देने वाली है कि मांगलिक स्त्री-पुरुष से विवाह होने पर हमेशा परिणाम अशुभ नहीं होते। जन्मकुंडली में पहले, चौथे, सातवें और बारहवें घर में मंगल ग्रह की उपस्थिति मांगलिक दोष का कारक है।
 
– विवाह में देरी होना।
– विवाह संबंध तय होने के बाद टूट जाना।
– विवाह में किसी प्रकार का विघ्न आना।
 
– शादी के बाद जीवनसाथी के साथ अनबन होना एवं संबंधों में खटास आना।
 
– मांगलिक दोषों का सबसे उत्तम और सरल उपाय है कि मांगलिक जातक को विवाह किसी मांगलिक से ही करना चाहिए। ऐसा करने से मंगल दोष का वैवाहिक संबंधों पर प्रभाव काफी कम हो जाता है।
 
– यदि कोई मांगलिक जातक सामान्य ग्रह वाले व्यक्ति से विवाह करना चाहे तो ऐसी स्थिति में मांगलिक जातक को ‘पीपल’ विवाह, कुंभ विवाह, शालिग्राम विवाह तथा मंगल यंत्र का पूजन आदि करना चाहिए। इस उपाय से मंगल का दोष जातक पर से उतर जाता है।
 
– मांगलिक दोषों से युक्त जातक को हनुमान चालीसा का पाठ एवं गणेश जी और मंगल यंत्र की पूजा करना लाभकारी रहता है।
 
– प्रत्येक मंगलवार व्रत रखें और हनुमान मंदिर जाएं। ऐसा करने से मंगल के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
 
– यदि किसी मांगलिक कन्या का विवाह इस दोष से रहित वर से होता है तो दोष निवारण हेतु मंगला गौरी और वट सावित्री का व्रत सौभाग्य प्रदान करने वाला है।
 
– महामृत्युंजय मंत्र के जाप से सारे कष्टों का निवारण होता है।

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