Monday 16 July 2018

कुंडली में अस्त गृह

कुंडली में अस्त गृह
 क्या होता है यह ग्रहो का अस्त होना और यह कैसे होते है इनका फल क्या होता है?
अस्त ग्रहो का मतलब होता है जो गृह सूर्य के बहुत नजदीक चले जाते है उनकी ताक़त खत्म हो जाती है वो जल जाते है झुलस जाते है जो सूर्य के नजदीक होने की वजह से हमें दिखाई नहीं देते और डूब जाते है उनको अस्त गृह कहते है अस्त गृह का मतलब होता है वो गृह अँधा है उसको कुछ दिख नहीं रहा है जैसे आप सूरज से नज़र नहीं मिला सकते वैसे ही यह गृह सूरज के पास जाकर अपनी ताक़त को खो देते है और अस्त हो जाते है
यह सारे गृह सूर्य से एक दुरी पर जाकर अस्त हो जाते है अंधे हो जाते है
किसी भी चीज़ को देखने के लिए हमारी आँखें एक अहम रोल प्ले करती है ऐसे ही अस्त ग्रह को अंधा कहा जाता है जो दिशा से भटक सकते है अस्त ग्रह की दशा में हम किसी भी चीज़ को महसूस तो करते है पर पास होते हुए भी हमको हमारी मंज़िल बहुत दूर नज़र आती है क्योंकि आस पास उसके प्रकाश इतना ज्यादा हो जाता है उसको कुछ तो दिखाई देता है पर बहुत कुछ उसकी आँखों से ओझल हो जाता है शुक्र जैसा ग्रह जो बहुत कोमल है रुई की तरह कोमल है खूबसूरती का प्रतीक है जब अस्त हो जाता है तो बहुत कष्ट पाता है सूर्य के पास प्रकाश ही इतना ज्यादा है उसके करीब जाने की कोई हिम्मत कर ही नही सकता वैसे भी राजा अपनी राजगद्दी पर किसी को बैठने नही देता है इसलिए सूर्य की राशि मे कभी भी कोई भी ग्रह उच्च नही होता है यह गद्दी सूर्य ने कभी भी किसी को नही दी है
अस्त ग्रह जीवन मे भटकाव दे सकते है उच्च के स्वराशि में बैठे ग्रह जब अस्त होते है वो अपना फल नही देते है
गुरु और शुक्र जैसे बहुत शुभ ग्रह के अस्त होने पर सभी शुभ कार्य विवाह आदि नही होते है क्योंकि ग्रह अपना अस्तित्व खो चुका है उसकी किरणे उसका प्रभाव हम पर नही होता
चंद्रमा
सूर्य के दोनों और 12 डिग्री या उससे नजदीक जाने पर अस्त हो जाता है
गुरु
गुरु सूर्य के दोनों और 11 डिग्री जाने पर अस्त हो जाता है।
शुक्र
सूर्य के दोनों और 10 डिग्री या उससे अधिक जाने पर अस्त हो जाता है
बुध
सूर्य के 14 डिग्री या उससे करीब जाकर अस्त हो जाता है
शनि
सूर्य से 15 डिग्री या उससे करीब आने पर अस्त हो जाता है
राहु केतु छाया गृह है यह कभी भी अस्त नहीं होते है
कोई भी गृह जब अस्त होता है उसकी ताक़त कम हो जाती है वो फिर ठीक ढंग से काम नहीं कर पाता है उसकी ताक़त को नापने के लिए हमें यह देखना जरुरी होता है की सूर्य से वो कितनी अधिकतम दुरी पर है तभी पता चल सकता है इसमे अभी भी कितना दम है मान लो चंद्रमा सूर्य से 11 डिग्री दूर होने पर अँधा हो जायगा और 1 डिग्री दूर होने पर भी अस्त होगा पर 11 डिग्री पर और 12 डिग्री पर फर्क होगा क्योकि जितना कोई गृह सूर्य के पास जायगा उतनी अपनी पॉवर वो खो देगा इसलिए पहले यह देखना जरुरी है की वो सूर्य से कितना डिस्टेंस लेकर अस्त हो रहा है

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