Monday 8 January 2018

शनि ग्रह अस्त होने पर सावधानियां तथा किए गए बुरे कर्म का फल

शनि देव की दशा में समस्या यह होती है कि जहां शनिदेव आते हैं वहां अन्य सभी देवी-देवता पितृ कृपा,"भाग्य की कृपा एक कदम पीछे" हो जाती हैं और उस समय उस विधाता मनुष्य को उसके स्वयं के कर्मों के आधार पर ही अकेला छोड़ देता है.क्योंकि जीव निश्चय ही पापी है अतः शनि की दशा में अन्य देवी,देवताओं,पित्र इत्यादि की कृपा ना होने पर उसे अपने पाप कर्मों के फल से बचाया नहीं जा सकता.🙏🏻 निश्चय ही शनि का काल कुछ ना कुछ चिंता-परेशानी अवश्य देता है .शनि के समय में सामाजिक व धार्मिक नियमों का पालन करना चाहिए यही सबसे बड़ा उपाय है. यदि आप नियम के मुताबिक चलते हैं तो शनि का समय अपने आप ही अच्छा हो जाएगा-
1. शनि ग्रह अस्त होने पर किसी पीड़ित मजदूर नौकर,किसी भी प्रकार से आपकी सेवा करने वाले ,किसान,कुत्ते,गरीब व्यक्ति,सफाई कर्मचारी, धातुओं से रिलेटेड कार्य करने वाले ,विधवा या पीड़ित महिलाओं को परेशान नहीं करना चाहिए.
2.शनि ग्रह से संबंधित वस्तुएं, लोहा,पैर से संबंधित चीजें,काले नीले रंग के कपड़े ,घर इत्यादि निर्माण सामग्री, लोहे के ,वाहन ,तेल इत्यादि नहीं खरीदना चाहिए या इनसे संबंधित चीजों में पैसा नहीं लगाना चाहिए.
3. घर मकान बनाना शुरू नहीं करना चाहिए .मकान में या किसी स्थाई संपत्ति जैसी चीज में आग लगने की संभावना भी रहती है.
शनि अस्त होने से पहले ही यदि यह कार्य आरंभ हो गए हैं तो कोई बात नहीं !
4. किसी के साथ वाद-विवाद अन्याय,धोखाधड़ी नहीं करना चाहिए. घमंड या क्रोध की वजह से दूसरे का हक नही दबाना चाहिए.
5. सरकारी नियमों का उल्लंघन न करे किसी से रिश्वत नहीं लेनी चाहिए या किसी अन्याय करने वाले की सिफारिश नहीं करनी चाहिए .
6. शनि देव सत्य के देवता हैं और गोचर में शनि अस्त होने पर या कुंडली में अस्त होने पर झूठ नहीं बोलना चाहिए,अपने वादे से नहीं पलटना चाहिए.
🌘🚩शनि देव द्वारा मिलने वाला दंड -
1. शनि ग्रह समय
आने पर आपके कर्म से होने वाले फायदे को सबसे पहले रोकते हैं.
2. नौकरी में समस्या,बेरोजगारी या लगती हुई नौकरी पर भी रोक लग जाना इसके अलावा भी कई मामलों में आपकी मेहनत बेकार हो जाती है .
3. प्रमोशन,सैलरी बढ़ने मे, जीवन की उन्नति मे बाधाएं आती हैं .
4. शरीर में या परिवार मे वायु-वात रोग,जोड़ों-पैरों की समस्या,स्नायु रोग इत्यादि देते है.
5. कानूनी कोर्ट की समस्या ,जुर्माना,जेल, करवाते है .
6. पूर्व जन्म या इसी जन्म के अत्यंत गंभीर पाप पर शनिदेव अपंगता देते हैं या या परिवार में किसी अपंग व्यक्ति का जन्म करवाकर कर्म का बुरा फल प्रदान करते हैं या अपंग व्यक्ति की सेवा करवाते है.
7.शनि देव मंद ग्रह होने की वजह से जरूरी कार्यों में धीमापन, रुकावट लाने का कार्य करते हैं,नियम-कानून रोक-टोक लगाकर मानसिक चिंता बढ़ा देते हैं.
8. अधिकार का देवता होने के कारण आपके अधिकारों में कमी कर देगा, झूठे आरोप लगना और लोगों से कुछ मांगने या झुकने पर मजबूर कर देते है जिससे आपको अपमानित महसूस हो सकता है.
जैसे- अपने ही उधार दिए गए पैसे को वापस मांगने के लिये बार-बार चक्कर लगाना पड़े.
शनिदेव के प्रकोप से बचने के कार्मिक उपाय -
जीवन में नियम-कानून सत्य धर्म इत्यादि का पालन करना चाहिए.
किसी गरीब या पीड़ित व्यक्ति या जीव-जंतु को बेकार में सताना नहीं चाहिए .
अपने अधिकार के लिए दूसरे का अधिकार नहीं छीन लेना चाहिए और शनि ग्रह अस्त या वक्री होने पर इस प्रकार के कार्य नहीं करना चाहिए

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