Sunday 2 September 2018

शनि के शुभ, या अशुभ के लक्षण, शनि के उपाय - शनि को तेल अर्पित करते हैं, तो ध्यान में रखें ये बात - क्या रखे सावधानी ?क्या सभी लग्न/ राशि के लोगों को शनि पर तेल चढ़ाना चाहिए

शनि के अशुभ प्रभाव के कारण मकान या मकान का हिस्सा गिर जाता है या क्षति ग्रस्त हो जाता है, नहीं तो कर्ज या लड़ाई-झगड़े के कारण मकान बिक जाता है।अंगों के बाल तेजी से झड़ जाते हैं। अचानक आग लग सकती है। धन, संपत्ति का किसी भी तरह नाश होता है। समय पूर्व दाँत और आँख की कमजोरी।
शुभ की निशानी : शनि की स्थिति यदि शुभ है तो व्यक्ति हर क्षेत्र में प्रगति करता है। उसके जीवन में किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होता। बाल और नाखून मजबूत होते हैं। ऐसा व्यक्ति न्यायप्रिय होता है और समाज में मान-सम्मान खूब रहता हैं।
नौ ग्रहों से शनि का संबंध :
- नौ ग्रहों में बुध और शुक्र शनि के मित्र ग्रह हैं।
- सूर्य, चंद्र और मंगल, ये तीनों शनि के शत्रु ग्रह माने गए हैं।
- इनके अलावा गुरु से शनि सम भाव रखता है।
- शेष दो ग्रह राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है। इन दोनों ग्रहों से भी शनि देव मैत्री भाव ही रखते हैं।
शनि आराधना का मंत्र :
शनि आराधना के लिए कई मंत्र बताए गए हैं, लेकिन सबसे सरल और प्रभावी मंत्र इस प्रकार है- मंत्र: ऊँ शं श्नैश्चराय नम:
इस मंत्र से शनि आराधना करने पर शनि बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं। रुके हुए कार्य बनने लगते हैं।
उपाय :
सर्वप्रथम भगवान भैरव की उपासना करें। तिल, उड़द, भैंस, लोहा, तेल, काला वस्त्र, काली गौ, और जूता दान देना चाहिए। कौवे को प्रतिदिन रोटी खिलावे। छायादान करें, अर्थात कटोरी में थोड़ा-सा सरसो का तेल लेकर अपना चेहरा देखकर शनि मंदिर में अपने पापो की क्षमा मांगते हुए रख आएं। दांत साफ रखें। अंधे-अपंगों, सेवकों और सफाईकर्मियों से अच्छा व्यवहार रखें।
कौन करे शनि के उपाय :
अधिकतर ज्योतिषी लगभग सभी लोग जो उनके पास आते हैं, उन सब को शनि के उपाय करने को कहते हैं. यह बात लोगों को जचती भी है, क्योंकि लगभग सभी के मन में शनिदेव का हौआ बैठा हुआ है और अधिकतर लोग शनिदेव को ही अपने कष्टों का कारण मानते हैं. जितनी भीड़ शनि मंदिरों में देखी जाती है, उतनी भीड़ किसी और ग्रह के मन्दिर में नहीं - बल्कि और ग्रहों के मन्दिर देखने में आते ही कम हैं.
पर, अगर यही बात होती, तो इन उपायों से अधिकतर लोगों को लाभ होता ! पर, ऐसा होता नहीं. क्योंकि कुछ मामलों में कष्ट और ग्रह दे रहे होते हैं और उपाय किन्हीं और के किये जाते हैं, वांछित लाभ नहीं मिल पाता.
अब रही तेल चढाने की बात :
लगभाग सभी ज्योतिषी तेल चढाने की सलाह देते हैं. पर, हमारा मत कुछ भिन्न है. हम तेल दान अथवा छायादान की तो सलाह देते हैं, पर तेल चढाने को नहीं. हमारे विचार में यह सलाह किसी-२ को ही दी जानी चाहिए, सबको नहीं. जितनी थोड़ी सी समझ हमको है, उसके अनुसार तेल चढ़ाने से शनि को बल मिलता है, शनिदेव शांत नहीं होते. कई मामलों में हमने तेल चढ़ाना बंद करवाया और उसके बाद लाभ होते देखा है. इसका हमारे पास कोई शास्त्रोक्त कथन नहीं है, अपना विचार है, जो हमने शेयर किया. आप में से कई लोग ज्योतिष का अच्छा ज्ञान रखते हैं, वह अपने बहुमूल्य विचारों से हमनें लाभान्वित करें, तो कृतज्ञ होंगे !
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